ऐसा नही के हम को मोहब्बत नही मिली
जैसी चाहते थे हम को वो उल्फत नही मिली
मिलने को ज़िन्दगी में कई हमसफ़र मिले
पर उन की तबियत से तबियत नही मिली
चेहरों में दूसरों के तुम्हे ढूँढ़ते रहे
सूरत नही मिली तो कहीं सीरत नही मिली
बहुत देर से आया तू मेरे पास क्या कहूँ
अल्फाज़ ढूँढने की भी मोहलत नही मिली
तुझ को गिला रहा के तवज्जो न दी तुझे
लेकिन हमें ख़ुद अपनी मोहब्बत नही मिली
हर शख्स ज़िन्दगी में बड़ी देर से मिला
कोई भी चीज़ वक्त ज़रूरत नही मिली
हम को तो तेरी आदत अच्छी लगी
अफ़सोस के तुझ से मेरी आदत नही मिली
Thursday 13 November, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment