Saturday 28 March, 2009

तेरे दीदार की एक तमन्ना

मैं किसी को कभी भूल सकता नहीं कोई मुझको भुलाये तो मैं क्या करूँ

आंसूओ के जाम पिए जा रहा हूँ , दिल के दिल के टुकड़े सिये जा रहा हूँ
तेरे दीदार की एक तमन्ना लिए हर रोज़ मैं मरकर जिए जा रहा हूँ

किए जा रहा तेरे नामो के सजदे उन वादों का गजरा बुने जा रहा हूँ
बीती यादों की छोटी सी गठरी बनाये अपनी किस्मत समझ लिए जा रहा हूँ

सहे जा रहा इस दुनिया के ताने अपने आप से ख़ुद ही लरे जा रहा हूँ
इस इंतज़ार की मीठी चुभन लिए थोड़ा और इंतज़ार किए जा रहा हूँ

Get this widget | Track details | eSnips Social DNA

मैं ख़ुद ही अपनी तलाश में हूँ

मैं ख़ुद ही अपनी तलाश में हूँ मेरा कोई रहनुमा नहीं है!
वो क्या दिखायेंगे राह मुझको जिन्हें ख़ुद अपना पता नहीं है!!

ये आप नजरे बचा बचा कर अब और क्या देखते है मुझको
तुम्हारे काम आ सके तो ले क्यों हमारे जी का मकाम नहीं है

मैं शर रतो की तलाश में हूँ मगर ये दिल मानता नहीं है
मगर गमे जिंदगी न हो तो जिंदगी का मज़ा नहीं है

मिला आइना है तुम अपनी सूरत सवार लो और ख़ुद ही देखो
जो नुख्स होगा दिखाई देगा ये बेजुबान बोलता नहीं ही
Get this widget | Track details | eSnips Social DNA

Wednesday 18 March, 2009

इस जहां में प्यार महके जिन्दगी बाकी रहे॥
ये दुआ माँगो दिलों में रोशनी बाकी रहे।

दिल के आँगन में उगेगा ख्वाब का सब्जा जरूर
शर्त है आँखों में अपनी कुछ नमी बाकी रहे।

हर किसी से दिल का रिश्ता काश हो कुछ इस तरह
दुश्मनी के साए में भी दोस्ती बाकी रहे।

आदमी पूरा हुआ तो देवता बन जाएगा
ये जरूरी है कि उसमें कुछ कमी बाकी रहे।

लब पे हो नगमा वफा का दिल में ये जज्बा भी हो
लाख हों रुसवाइयां पर आशिकी बाकी रहे।

दिल में मेरे पल रही है ये तमन्ना आज भी
इक समंदर पी चुकूं और जिन्दगी बाकी रहे।

Wednesday 11 March, 2009

दिल की हसरतें

ज़्यादा न थी हसरतें दिल की
चाहा था बस थोडी सी खुशी मिलती
वो चंद खुशिया भी हमें अलविदा कह गयी
यूं लगता है ज़माने की नज़र लग गयी

ज़िन्दगी में हर कदम पर धोखा खाया
जो चाहा था वो कभी ना पाया
हमारी किस्मत भी हमें दगा दे गयी,
अब तो दिल एक ख्वाहिश से भी डरता है
हर घड़ी हर पल हर साँस के साथ मरता है

वो तेरे पास न होना

बहुत ही याद आता है मेरे दिल को तड़पाता है
वो तेरा पास न होना बहुत मुझ को रुलाता है

वो मेरा तेरी आंखों के समंदर में उतर जाना
और तेरी मुस्कराहट के भंवर में डूबते जाना
तेरी आवाज़ के असर से न निकल पाना
तुझ को देखना और बे-खुदी से देखते जाना
बहुत चाहा इन गुज़रे हुए लम्हों को न सोचूँ
न तेरी याद में रह के तेरे साथ का सोचूँ
भूला दूँ सारी यादों को के जिन से दिल तडपता है
के जिन से तीस उठती है के जिन से दर्द होता है
मगर जब रात आती है तो तेरी याद आती है
तेरे ही ख्वाब होते है तेरी ही बात होती है
तुझे जब याद करते है तो दिल अपना तड़पता है
वो तेरे पास न होना बहुत महसूस होता है

मैं खुशनसीब हूँ मुझे इंतज़ार मिला है

रोये है बहुत तब ज़रा करार मिला है
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है
गुज़र रही है ज़िन्दगी इम्तेहान के दौर से
एक ख़तम हुआ तो दूसरा तैयार मिला है
मेरे दामन को खुशियों का नही मलाल
ग़म का खजाना जो इसको बेशुमार मिला है
वो कमनसीब है जिन्हें महबूब मिल गया
मैं खुशनसीब हूँ मुझे इंतज़ार मिला है

कल की रात

कितनी मुश्किल से कटी कल की मेरी रात न पूँछ

दिल से निकली हुई होंटों में दबी बात न पूछ
वो किस अदा से मेरे सामने से गुजरा अभी

किस तरह मैने संभाले मेरे जज़्बात न पूछ
वक्त जो बदले तो इंसान बदल जाते है

क्या नही दिखलाते यह गर्दिश-ऐ-हालात न पूछ
वो किसी का हो भी गया और मुझे ख़बर नही

किस तरह उसने छुडाया है मुझ से हाथ न पूछ
इस तरह पल में मुझे बेगाना कर दिया उसने

किस तरह अपनों से खाई है मैने मात न पूछ
अब तेरा प्यार नही है तो सनम कुछ नही

कितनी मुश्किल से बनी थी दिल की काएनात न पूछ

बचपन के दुःख भी कितने अच्छे थे

बचपन के दुःख भी कितने अच्छे थे,

तब तो सिर्फ खिलोने टूटा करते थे

वो खुशिया भी ना जाने कैसी खुशियाँ थी,

तितली को पकड़ के उछला करते थे,

पाव मार के खुद बारिश के पानी में,

अपने आप को भिगोया करते थे

अब तो एक आंसू भी रुसवा कर जाता है,

बचपन में तो दिल खोल के रोया करते थे

बचपन के दुःख भी कितने अच्छे थे,