मैं किसी को कभी भूल सकता नहीं कोई मुझको भुलाये तो मैं क्या करूँ
आंसूओ के जाम पिए जा रहा हूँ , दिल के दिल के टुकड़े सिये जा रहा हूँ
तेरे दीदार की एक तमन्ना लिए हर रोज़ मैं मरकर जिए जा रहा हूँ
किए जा रहा तेरे नामो के सजदे उन वादों का गजरा बुने जा रहा हूँ
बीती यादों की छोटी सी गठरी बनाये अपनी किस्मत समझ लिए जा रहा हूँ
सहे जा रहा इस दुनिया के ताने अपने आप से ख़ुद ही लरे जा रहा हूँ
इस इंतज़ार की मीठी चुभन लिए थोड़ा और इंतज़ार किए जा रहा हूँ
Saturday 28 March, 2009
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