Saturday, 9 May 2009

दोस्त की जरूरत हर इंसान को होती है

सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा
फिर मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा
अभी साथ है तो बात कर लिया करो
क्या पता कब साथ छूट जायेगा
क़यामत तक तुझे याद करेंगे
तेरी हर बात पर ऐतबार करेंगे
तुम्हे कुछ कहने को तो नहीं कहेंगे
फिर भी तुम्हारे कुछ कहने का इन्तजार करेंगे
रेत की जरूरत रेगिस्तान को होती है,
सितारों की जरूरत आसमान को होती है,
आप हमें भूल न जाना, क्योंकी
दोस्त की जरूरत हर इंसान को होती है :
दोस्ती मौसम नहीं, कि अपनी मुद्दत पूरी करें और रुखसत हो जाएँ.
दोस्ती सावन नहीं, कि टूट कर बरसे और थम जाए,
दोस्ती आग नहीं, कि सुलगे भड़के और बुझ जाए,
दोस्ती आफताब नहीं, कि चमके और डूब जाए,
दोस्ती फूल नहीं, कि खिले और फिर मुरझा जाए,
दोस्ती तो सांस है जो चले तो सब कुछ टूट जाए तो कुछ भी नहीं ...........

2 comments:

ARUNA said...

wah kya khoob!!!!!

ARUNA said...

such mein dost ki zaroorat har insaan ko hoti hai!