अनुभूतियों की अभिब्यक्ति कैसे करू
भावनाए बिखरी पड़ी है
मजबूरियों के फर्श पर
संवेदनाये आहत है
जिंदगी के अर्श पर
अच्छा है आज मैं चुप ही रहूँ
आज मैं अकेला हूँ कैसे कहूं
लगता है कि आप हिन्दी फीड एग्रगेटर के साथ पंजीकृत नहीं हैं यदि यह सच है तो उनके साथ अपने चिट्ठे को अवश्य पंजीकृत करा लें। बहुत से लोग आपकी कविताओं का आनन्द ले पायेंगे। हिन्दी फीड एग्रगेटर की सूची यहां है।
कृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें। यह न केवल मेरी उम्र के लोगों को तंग करता है पर लोगों को टिप्पणी करने से भी हतोत्साहित करता है। आप चाहें तो इसकी जगह कमेंट मॉडरेशन का विकल्प ले लें।
1 comment:
अच्छी कवितायें हैं। लिखते चलिये।
लगता है कि आप हिन्दी फीड एग्रगेटर के साथ पंजीकृत नहीं हैं यदि यह सच है तो उनके साथ अपने चिट्ठे को
अवश्य पंजीकृत करा लें। बहुत से लोग आपकी कविताओं का आनन्द ले पायेंगे। हिन्दी फीड एग्रगेटर की सूची यहां है।
कृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें। यह न केवल मेरी उम्र के लोगों को तंग करता है पर लोगों को टिप्पणी करने से भी हतोत्साहित करता है। आप चाहें तो इसकी जगह कमेंट मॉडरेशन का विकल्प ले लें।
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