खेलने के वास्ते अब दिल किसी का चाहिए
उम्र ऍसी है कि तुमको इक खिलौना चाहिए
मुझ को कहिए हाथ में मेंहदी लगाना है अगर
खूने दिल दूँ या कि फिर खूने तुमन्ना चाहिए
बज़्म मे आओ किसी दिन कर के तुम सोलह सिंगार
इक क़यामत वक़्त से पहले भी आना चाहिए
तुम कहो तो मर भी जाऊँ मैं मगर इक शर्त है
बस कफ़न के वास्ते आँचल तुम्हारा चाहिए
कल तलक था दिल जरूरी राह ए उलफत में मुराद
आज के इस दौर में चाँदी और सोना चाहिए
Wednesday, 26 August 2009
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