pyar woh hamko bepanah kar gaye
na jane kyoon hame tanha chod gaye
chahat thi unke ishq mein fana hone ki
per woh wada karke phir moonh mod gaye
Tuesday, 16 March 2010
अनुभूतियों की अभिब्यक्ति कैसे करू
भावनाए बिखरी पड़ी है
मजबूरियों के फर्श पर
संवेदनाये आहत है
जिंदगी के अर्श पर
अच्छा है आज मैं चुप ही रहूँ
आज मैं अकेला हूँ कैसे कहूं