Monday, 7 June 2010

ये प्यार नही है खेल प्रिये

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये
तुम एम. ए. फ़र्स्ट डिवीजन हो, मैं हुआ मैट्रिक फ़ेल प्रिय
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये
तुम फौजी अफ़्सर की बेटी, मैं तो किसान का बेटा हूँ
तुम रबडी खीर मलाई हो, मैं सत्तू सपरेटा हूँ
तुम ए. सी. घर में रहती हो, मैं पेड के नीचे लेटा हूँ
तुम नयी मारूती लगती हो, मैं स्कूटर लम्बरेटा हूँ
इस कदर अगर हम छुप-छुप कर, आपस मे प्रेम बढायेंगे
तो एक रोज़ तेरे डैडी अमरीश पुरी बन जायेंगे
सब हड्डी पसली तोड मुझे, भिजवा देंगे वो जेल प्रिये
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये
तुम अरब देश की घोडी हो, मैं हूँ गदहे की नाल प्रिये ।
तुम दीवली क बोनस हो, मैं भूखों की हडताल प्रिये ।
तुम हीरे जडी तश्तरी हो, मैं एल्मुनिअम का थाल प्रिये ।
तुम चिकेन-सूप बिरयानी हो, मैन कंकड वाली दाल प्रिये ।
तुम हिरन-चौकडी भरती हो, मैं हूँ कछुए की चाल प्रिये ।
तुम चन्दन-वन की लकडी हो, मैं हूँ बबूल की चाल प्रिये
मैं पके आम सा लटका हूँ, मत मार मुझे गुलेल प्रिये ।
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये ।